गुड़गांव, 23 नवंबर, 2019: गुड़गांव में ड्राईवर पार्टनर्स के लिए जेंडर सेंसिटाईज़ेशन वर्कशॉप आयोजित करने के लिए दुनिया की सबसे बड़ी ऑन-डिमांड राईड-शेयरिंग कंपनी, ऊबर ने दिल्ली स्थित एनजीओ, मानस फाउंडेशन के साथ गठबंधन किया है। यह एनजीओ 15 सालों से मानसिक स्वास्थ्य एवं लैंगिक समानता व न्याय के क्षेत्र में काम कर रही है। भारत में कार्य शुरू करने के बाद ऊबर अनेक लोगों, खासकर लाखों महिलाओं के लिए परिवहन का एक वैकल्पिक माध्यम बन गई है। ऊबर का मानना है कि महिलाओं के प्रति हिंसा भारत की सर्वव्यापी समस्या है और इस समस्या का समाधान हर क्षेत्र के सहयोग से किया जाना चाहिए। टेक्नॉलॉजी सुरक्षा की समस्या का हल दे सकती है। इसके लिए हमें मिलकर प्रयास करने की जरूरत है, ताकि महिलाओं के प्रति संवेदनशील एवं स्केलेबल समाधानों का क्रियान्वयन हो सके। इसीलिए ऊबर ने अपने ऐप का उपयोग करने वाले हर व्यक्ति की सुरक्षा के लिए टेक्नॉलॉजी व प्रक्रियाएं विकसित करने के अलावा मानस फाउंडेशन के साथ सहयोग भी किया है, ताकि हमारे ड्राईवर पार्टनर्स के लिए सत्रों को कस्टमाईज़ किया जा सके और महिलाओं के प्रति संवेदनशील बनाया जा सके। इस गठबंधन द्वारा हमारा अभियान 2018 में पूरे देश में 6000 से अधिक ड्राईवर पार्टनर्स पहुंचा। हमारा उद्देश्य वर्कशॉप्स के माध्यम से ड्राईवर पार्टनर्स को राईडर्स एवं ड्राईवर्स के लिए एक सुरक्षित प्लेटफॉर्म स्थापित करने की शिक्षा देना है। इस वर्कशॉप में ऊबर से जुड़े ड्राईवर पार्टनर्स के लिए इन-पर्सन जेंडर सेंसिटाईज़ेशन प्रोग्राम हैं और उन्हें विभिन्न शहरों में प्रतिदिन नियमित बैचेस में मानस फाउंडेशन के ट्रेनर्स से प्रशिक्षण मिलता है। ये कस्टमाईज़्ड ड्राईवर सेंसिटाईज़ेशन सत्र सुरक्षा पर केंद्रित हैं। इनमें प्लेटफॉर्म पर व्यवहार एवं महिलाओं की सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया गया है। मानस ने एक अद्वितीय बिहैवियर-चेंज़ मॉड्यूल विकसित किया है, ताकि सार्वजनिक परिवहन को महिलाओं के लिए सुरक्षित बनाने में पुरुषों को संलग्न किया जा सके। वो महिलाओं के खिलाफ हिंसा का सामना करने के लिए सार्वजनिक परिवहन के वाहनों के ड्राईवर्स के साथ संलग्न होकर मनोविज्ञान के सिद्धांतों का उपयोग करते हैं।
इस वर्कशॉप को गुड़गांव के ड्राईवर पार्टनर्स से बहुत उत्साहजनक प्रतिक्रिया मिली है। गुड़गांव में सप्ताह के 6 दिन प्रतिदिन दो बार सत्र आयोजित किए जाते हैं और हर सत्र में औसतन 40-50 ड्राईवर पार्टनर हिस्सा लेते हैं। इस पार्टनरशिप द्वारा ऊबर देश में हजारों ड्राईवर पार्टनर्स तक पहुंचा है और उन्हें सार्वजनिक परिवहन को महिलाओं के लिए सुरक्षित बनाने में सहयोग किया है।पवन वैश, हेड ऑफ ऑपरेशंस, इंडिया एवं साउथ एशिया ने कहा, ''ऊबर पर हम मानते हैं कि टेक्नॉलॉजी परिवर्तन ला सकती है और इन नए विकल्पों का निर्माण करने के साथ साथ हमें खासकर लिंग आधारित हिंसा जैसी संरचनागत सामाजिक बुराईयों को रोकने के लिए अभी भी बहुत से प्रयास करते हैं। हम यह भी जानते हैं कि महिलाओं के लिए सुरक्षित परिवहन का उनके द्वारा चुने जाने वाले विकल्पों और उन्हें उपलब्ध होने वाले अवसरों पर गहरा प्रभाव पड़ता है।'' उन्होंने कहा, ''इसीलिए सुरक्षित शहरों का निर्माण करने और ऊबर ऐप का उपयोग करने वाले हर व्यक्ति की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हम पूरे देश में मानस फाउंडेशन द्वारा जेंडर सेंसिटाईज़ेशन वर्कशॉप चला रहे हैं। ये सत्र हमारी ऑपरेशनल लर्निंग प्रदान करने के लिए कस्टमाईज़ किए गए हैं। इस मामले में मानस को सालों की प्रोफेशनल विशेषता प्राप्त है। हमें अपने ड्राईवर पार्टनर्स से शानदार प्रतिक्रिया मिली है, जो गर्व के साथ अपनी कारों में अपने सर्टिफिकेट लगाते हैं। मानस फाउंडेशन की को-फाउंडर, मोनिका कुमार ने कहा, ''हम ऊबर के साथ यह विशेष कार्यक्रम चलाने के लिए बहुत उत्साहित हैं। इसमें महिला यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पुरुषों को संलग्न किया गया है। इन सत्रों में प्रतिभागी गतिविधियां आयोजित होंगी, जिनमें लिंग के अंतर को समझाया जाएगा और बताया जाएगा कि पिछले कुछ सालों में लैंगिक असमानता और उत्पीड़न के कानूनों में क्या परिवर्तन आया है। यह मॉड्यूल स्पष्ट करेगा कि यौन उत्पीड़न के श्रेणी में क्या क्या आता है। इस मामले की समझ यात्रियों एवं परिवार के सदस्यों के बीच महिलाओं के प्रति व्यवहार में परिवर्तन लाने के लिए बहुत जरूरी है। इसके अलावा ऊबर ने अनेक रचनात्मक खूबियां पेश की हैं, जिनमें टेक आधारित सुरक्षा विशेषताएं शामिल हैं। ये एक सेफ्टी टूलकिट के तहत दी जाती हैं और राईड से पहले, राईड के दौरान एवं राईड के बाद सुरक्षा मजबूत करने तथा इसमें पारदर्शिता व जिम्मेदारी लाने के लिए सरकारी इकाईयों के साथ एक मजबूत साझेदारी की गई है। ऊबर मोबिलिटी के परिवर्तनकारी भविष्य की कल्पना करता है, जिसमें हर व्यक्ति का सम्मान हो और एक बटन दबाते ही भरोसेमंद व सुलभ राईड हर किसी को मिल सके।